प्रेत आत्माएं
प्रेत आत्माएं मच्छरदानी के अंदर नहीं प्रवेश कर सकती, ये ज़ाहिर सी बात है। ऐसा क्यों होता है इसके कई कारण हो सकते हैं। हो सकता है की प्रेत आत्माओं को मच्छरदानी खोलना ही ना आता हो। लाचार मच्छरों की तरह वो भी आपके इर्द गिर्द सिर्फ मंडराती रह जाती हैं। ये भी हो सकता है की किसी अन्य युग में इन्हे कोई ऐसा श्राप मिला हो जिससे इनका प्रवेश वर्जित हो गया हो। या तो इन्हे भय हो की एक बार अंदर आ जाएंगी तो बाहर कैसे निकलेंगी। रात में सोता हुआ आदमी अक्सर लात घूंसे चलाता रहता है।
प्रेत आत्माओं की अपार शक्ति में सिर्फ यही एक भेद है ऐसा नहीं है । जग जाहिर है की अगर आप सर से पैर तक चादर ओढ़ के सोएं तो ये आत्माएं आपसे संपर्क नहीं कर सकती । वे इंतज़ार करती हैं की कब आप सांस लेने के लिए अपना सर क़िले से बाहर निकाले और वो आपको अपने दर्शन दे। और कहीं गलती से आपने पैर निकाल दिया तो वो आपको घसीटते हुवे बिस्तर के नीचे ले जाएंगी । बिस्तर के नीचे ही तो इनका साम्राज्य होता है । ऐसा सिर्फ हमारा मानना नहीं है । पश्चिम के प्रसिद्ध गायको एमिनेम एवं रिहान्ना ने भी अपने गीत ‘मॉन्स्टर्स अंडर माय बेड’ में इसी बात का ज़िक्र किया है।
अब आप पूछेंगे की अगर आपके पास ना ही मच्छरदानी है और ना ही चादर, तो आप इनसे कैसे बच सकते हैं? इसका भी एक सीधा साधा उपाय है। आप बस अपनी आँखें ना खोले। अगर लघुशंका भी आयी है तो बिना आखें खोले धीरज से आगे बढ़ें। प्रेत आत्माएं आपके साथ चलेंगी पर आपको किसी प्रकार का नुक्सान नहीं पहुचायेंगी। उनके भी अपने कुछ उसूल हैं जिनमे से एक ये है की आपको वो धोखे से आहत नहीं करेंगी। जो भी करेंगी आँखों के सामने करेंगी।
इन्ही सब तरकीबो के प्रयोग से मैं बचपन से इन आत्माओं के साथ लुका छुपी खेलता आया हूँ। अकसर मुझे एहसास हुआ है की ये आपको परेशान नहीं करना चाहती, अपितु ये भी बस आपके साथ खेलना चाहती है। फिलहाल में ये सब बत्ती बंद कर के मच्छरदानी के अंदर से लिख रहा हूँ। बड़ी बड़ी बातें करना आसान है मेरे लिए क्यूंकि मैं अपने सुरक्षा कवच में मजे से हूँ। किसी का परिहास करने का मेरा कोई मकसद नही है। ऐसा मैं आस पास सबसे कह रहा हूँ। आखिरकार ठण्ड का मौसम है और रात में बाहर निकलना पड़ सकता है। आप सबसे निवेदन है की सावधान रहे सतर्क रहे।
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